हम तुम- भाग 8
भाग 8
बस स्टॉप पर आदित्य पहले से ही मौजूद था। गोरा रंग, लंबा कद और आँखों में चश्मा, अच्छा लग रहा था अदिति को उसे देखकर हमेशा की तरह।
आदित्य ने अदिति को आज बहुत दिनों बाद देखा था। किसी को भी पहली नज़र में अदिति साधारण सी ही लगेगी, लेकिन जितना उसे जानते जाएंगे, वो उतनी ही खूबसूरत और प्यारी लगेगी। आदित्य का भी यही हाल था। जब से उसने उसे समझना शुरू किया था, तब से उसकी हर बात उसे अच्छी लगने लगी थी।
आज अदिति ने सफ़ेद रंग की कुर्ती और जीन्स पहनी थी। हाथों में सिल्वर रंग की चूड़ियां और कानों में झुमकियाँ। बहुत प्यारी लग रही थी। आदित्य ने मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद दिया कि शुक्र है सुमित नहीं आया, नहीं तो इस रूप में अदिति को देखकर पागल ही हो जाता।
आदित्य को अपने जज्बात समझ नहीं आ रहे थे। पहले तो वो खुद प्यार का इज़हार करके, ब्रेकअप करके बैठ गया। अब फिर से अदिति न चाहते हुए भी मिलने पहुँच गया। न वो खुद अदिति के प्यार को पूरी तरह अपनाना चाहता है और न ही किसी और को उसके करीब जाने देना चाहता है। उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था और दिल ने काम करना शुरू।
आदित्य और अदिति के बीच सामान्य बातचीत हुई और दोनों बस में बैठ गए। बस में बैठते ही अदिति ने कहा…..थैंक यू आदित्य तुमने मेरे लिए वक्त निकाला पर आज तुम ऑफिस नहीं गए क्या? तुमने तो वैसे भी अभी-अभी ज्वाइन किया है और ज्वाइन करते ही छुट्टी ले ली?
मुझे डर है कहीं मेरी वजह से परेशानी ना हो जाए तुम्हें?
आदित्य ने गम्भीरता से कहा….मेरी जॉब कहीं नहीं लगी है और वो मैंने झूठ बोला था। मैं जिस रिश्ते को लेकर आगे नहीं बढ़ सकता, उसकी मैं शुरुवात भी नहीं करना चाहता अदिति। मैं जानता हूँ तुम्हें मेरी बातें कड़वी लग रही होंगी लेकिन बाद में आंसू बहाने से तो अच्छा है हम अभी दुखी हो लें।
रही बात तुम्हारे साथ आने की, तुम दोस्त हो मेरी और वैसे भी मैं खाली ही बैठा था घर में, इसलिए आ गया। इसे मेरी दोस्ती से ज़्यादा मत समझना प्लीज। मैं नहीं चाहता कि तुम मुझे लेकर कोई गलतफहमी पालो अपने दिल में। हमारा कोई भविष्य नहीं है साथ में। मैं अपने माँ बाप की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकता अदिति।
अदिति को इस बार आदित्य की बात सुनकर ना दुख हुआ ना गुस्सा आया। उसने मुस्कुराकर कहा…..आदित्य तुम अपने आपको इतनी गम्भीरता से क्यों लेते हो मुझे समझ नहीं आता। हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके कारण आँसू बहाए जाएं। मैं पुरानी बातों को भूल चुकी हूँ, अच्छा होगा कि तुम भी भुला दो।
वैसे भी आदित्य मैं उस लड़के से शादी करुँगी जिसमें साहस हो दुनिया से लड़ने का मेरे लिए, जो हर परिस्थिति में मेरा साथ दे सके। खैर वो तुम्हारे बस की बात नहीं है। मुझे तुम में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसलिए तुम पुरानी बातों को फिर से कुरेदना छोड़ दो। मैं मस्त हूँ, तुम भी मस्त रहो।
अदिति की बातें सुनकर आदित्य का चेहरा उतर गया था।
अदिति ने अपने बैग से मूंगफली निकाली और खाने लगी। फिर आदित्य का बुझा हुआ चेहरा देखकर अदिति ने आदित्य कहा…. लो मूंगफली खा लो दोस्त।
चिंता मत करो मैं तुम्हें दोस्त से ज़्यादा कुछ और नहीं समझती हूँ, मूंगफली खाओ और खुश रहो। बस फिर पूरे रास्ते अदिति अपने बचपन का मूंगफली पुराण सुनाती रही और आदित्य के चेहरे पर मुस्कुराहट ले आयी।
करीब 1 घँटे बाद दोनों वहां पहुंचे जहाँ अदिति का इंटरव्यू था। एक बड़ी सी कंपनी थी और ढेर सारे लोग। बहुत स्मार्ट - स्मार्ट मॉडर्न दिखने वाली लड़कियां-लड़के आए हुए थे इंटरव्यू के लिए। अदिति घबराने लगी थी। उसके हाथ ठंडे पड़ गए थे। आदित्य ने उसके हाथ को अपने हाथ में लिया और कहा…. तुम बेस्ट हो बस यह बात याद रखो और बाकि सब भूल जाओ। देखो तुम्हारे हाथ कितने ठंडे हो गए हैं घबराहट के मारे।
अदिति ने आदित्य की आँखों में देखते हुए कहा….नहीं ठंडे थे पहले, तुम्हारे गर्म हाथों के कारण इनमें गरमाहट आ गयी है।
तभी अदिति को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है और वो चली जाती है। आदित्य अदिति के नाज़ुक छोटे-छोटे हाथों की ठंडक उसके जाने के बाद भी महसूस कर रहा था अपने हाथों में। किसी छोटे बच्चे की तरह हाथ थे उसके। जो हाथ हमेशा के लिए उसके हो सकते थे, उन्हें उसने क्यों छोड़ दिया? यही सोचता रहा आदित्य जब तक अदिति इंटरव्यू दे रही थी अंदर।
कुछ ही देर में अदिति इंटरव्यू देकर बाहर आ गयी। कंपनी से बाहर निकलकर आदित्य ने अदिति से इंटरव्यू के बारे में पूछा तो अदिति ने जवाब दिया….अच्छा नहीं हुआ, एक दो सवाल मुझे नहीं आते थे। सॉरी एक तो तुम्हें इंटरव्यू के लिए इतना दूर लायी और उस पर इंटरव्यू भी अच्छा नहीं हुआ।
वैसे तुम अपने घर में क्या बताकर आये हो मेरे साथ?
आदित्य ने कहा….यही की इंटरव्यू देने जा रहा हूँ।
कोई बात नहीं अदिति इंटरव्यू होते ही कुछ नया सीखने के लिए हैं। एक नहीं तो दूसरी जगह हो जायेगा। परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।
अदिति को आदित्य का यह रूप अच्छा लग रहा था।
उसने आदित्य से पूछा……. तुमने मेरे लिए झूठ क्यों बोला अपने घर में?
आदित्य परेशान होकर कहता है…. प्लीज कोई सवाल मत करो अदिति। मैं अपने घरवालों से झूठ बोलकर क्यों आया हूँ तुम्हारे साथ, इस सवाल का जवाब मैं भी नहीं जानता।
चलो बस आ गयी है, चलते हैं वैसे ही देर हो गयी है बहुत।
तुमने अपने परिवार वालों को क्या कहा अदिति कि किसके साथ जा रही हो?
अदिति मुस्कुराकर जवाब देती है….मैंने कहा मैं आदित्य के साथ जा रही हूँ, उसका भी वहाँ इंटरव्यू है।
आदित्य मुस्कुराकर कहता है….ओह तुमने भी तो झूठ बोला है मेरी तरह।
अदिति हँसकर कहती है ……. हाँ बोला है पर तुम्हारे जितना नहीं।
अदिति अपने घर उतर जाती है और आदित्य अपने। आदित्य का दिल और माता-पिता के तर्क दोनों अलग ही दिशा में जा रहे थे। आदित्य ने दिमाग से जातिवाद को पकड़ कर रखा था और दिल से अदिति के प्यार को। कभी-कभी अपने ही जज़्बात खुद को समझ नहीं आते तो दूसरे को क्या समझाएं। अपने भीतर सब कुछ समेटे एक अजीब सी कश्मकश में जी रहा था। अदिति को देखते ही एक अलग तरह की बेचैनी सी होती थी मन में, दिल करता था कसकर उसे गले से लगा ले, लेकिन अगले ही पल अपने माता पिता के बारे में सोचकर होश में आ जाता था।
आदित्य ने सोचा थोड़ा तनाव दूर करने के लिए गाने सुन लेता हूँ। आदित्य ने आँखें बंद की और गाने सुनने लगा। गाना सुनते-सुनते आदित्य के चेहरे पर मुस्कुराहट तैरने लगी। क्या करें यह गाना ही कुछ ऐसा तो जो आदित्य को अदिति के साथ गुजरा हुआ वक़्त याद दिला रहा था…..
" तुमसे मिलना बातें करना
बड़ा अच्छा लगता है।
क्या है यह, क्यों है यह, क्या खबर
जो भी है
बड़ा अच्छा लगता है।
तेरी छोटी छोटी बात
तेरी हर मुलाक़ात
तडपाये मुझको
लम्हा लम्हा तेरा साथ
लम्हा लम्हा तेरा साथ
क्या है ये क्यूँ है ये क्या खबर
हाँ मगर जो भी है बड़ा अच्छा लगता है
तुम से मिलना बातें करना
बड़ा अच्छा लगता है।"
आदित्य मन ही मन कहता है.... ओह! अदिति क्या करूँ यार, तुम्हारे साथ होने की कल्पना तक मुझे पागल कर देती है। कैसे रखूँ खुद को तुमसे दूर, समझ नहीं पा रहा हूँ। जब भी तुम सुमित का नाम लेती हो, दिल में आग सी लग जाती है। तुम मुझे पागल कर दोगी अदिति।
हाँ अदिति, यह सच है, तुम्हारा साथ मुझे अच्छा नहीं, बहुत अच्छा लगता है।
❤सोनिया जाधव
Seema Priyadarshini sahay
12-Jan-2022 09:36 PM
बहुत ही अच्छी जा रही है कहानी
Reply
Simran Bhagat
12-Jan-2022 07:18 PM
Nice
Reply
Anuj sharma
12-Jan-2022 02:09 PM
Nice
Reply